Naak ke rogon ka Ilaj | Nakseer | Jukham | Sinusitis (Najla) | Nose Problem Home Remedies in Hindi

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नाक के रोग


नाक के रोग

नाक के रोगों में सर्दी-जुकाम, पीनस रोग, नकसीर फूटना आदि प्रमुखता से होने वाली व्याधियाँ हैं। ये रोग उत्पन्न होकर भयंकर रूप

धारण कर लेते हैं। अतः इनका उपचार शीघ्र किया जाना चाहिए।


नकसीर का घरेलु इलाज

Nakseer gharelu ilaj


★ मरीज को कमर के बल सीधा लिटाकर उसे गीली पीली मिट्टी सुँघानी चाहिए, कुछ ही क्षणों में खून आना रुक जायेगा ।

★ उड़द की दाल को पीसकर आटा बना लें। इसे पानी में गूंधकर दोनों पैरों पर लेप करने से नाक से बहता खून रुक जाता है।

★ प्याज का रस सूँघने से नकसीर का प्रवाह कम हो जाता है ।

★ 1 चम्मच शहद के साथ 1⁄2 चम्मच त्रिफला चाटने से नकसीर बंद हो जाती है। 

★ गर्म हवा के कारण नकसीर आ रही हो तो एक सेब के मुरब्बे में छोटी इलायची डालकर खाने से तुरन्त लाभ मिलता है।

नकसीर आने पर जिस नथुने से खून आ रहा हो, उसके विपरीत बाँह पर कसका रूमा बाँधने से खून आना बंद हो जाता है।

फिटकरी के फूले को पीस कर सूँघाने से नकसीर बंद हो जाती है।

फिटकरी 10 ग्राम, हल्दी 5 ग्राम को पीसकर पानी के साथ सुबह-शाम फंकी लें, नकसीर आना बंद हो जायेगी।

★ धाय फूल 1 ग्राम, मोचरस 1 ग्राम, बीजाबोर 1 ग्राम, शक्कर 3 ग्राम मिलाक खायें, नकसीर ठीक हो जाती है।

★बबूल के पत्तों के रस में मिश्री मिलाकर पीयें, नकसीर ठीक हो जाती है ।

दही में गुड़ मिलाकर खाने से नकसीर में चमत्कारिक लाभ मिलता है।

★ अनार के फूल 2, हरी दूब 10 ग्राम और मिश्री 10 ग्राम मिलाकर घुटाई करें, जिसे नकसीर आती हो उसे पिलायें शीघ्र लाभ मिलेगा।

★ गूलर का दूध 10 ग्राम, मिश्री 5 ग्राम और शहद 5 ग्राम मिलाकर रोगी को पिलायें, नकसीर तुरन्त बंद हो जायेगी ।

★यवासा स्वरस 2-2 बूँदें नाक में डालने से नकसीर बन्द हो जाती है।



बार-बार छीकें आना का घरेलु इलाज

बार-बार छीकें आना का घरेलु इलाज


★ घी, गुग्गुल तथा मोम को एक साथ मिलाकर आग में डालकर उसका धुआँ सूँघने से बार-बार छींके आना बंद हो जाती हैं।

★ सौंठ , कूठ, छोटी पीपल, बेलगिरी तथा अंगूर की चटनी बनाकर उसको घी में लें, फिर तैयार घी की 2-2 बूंद नाक में डालें, छींकों में राहत मिलती है। 

★ जायफल घिसकर नथुनों पर लगाने से छींके आना बंद हो जाता है। 

★ पैरों पर सौंठ के पाउडर की मालिश करने से छींकों में आराम मिलता है। अनुभूत नुस्खा है।

★ बालों में गरम तिल्ली के तेल की मालिश करने से छींके आना बंद हो जाती है। 



सर्दी-जुकाम का घरेलु इलाज

सर्दी-जुकाम का घरेलु इलाज


★ मौसम में होने वाली सर्दी-जुकाम में अदरक का रस 1 चम्मच और शहद  1 चम्मच सुबह-शाम चाटना चाहिए ।

★ 4 चम्मच राई को पीसकर 1 चम्मच शहद में मिलाकर सूँघने से जुकाम दूर हो जाता है। 

★ हल्दी के छोटे-छोटे टुकड़े मुँह में रखकर चूसते रहें, ऐसा करने से सर्दी-जुकाम में लाभ मिलता है।

अमरूद को आग में भूनकर खाने से जुकाम ठीक हो जाता है।

★ 1 माशा पिप्पली का चूर्ण शहद में मिलाकर चाटने से जुकाम दूर हो जायेगा । 

सौंठ के साथ दालचीनी का काढ़ा पकाकर रोगी को देना बहुत हितकारी होता है। 

★ मेहँदी के पत्तों का रस और शहद सममात्रा में मिलाकर चाटने से सर्दी-जुकाम ठीक हो जाते हैं।

★ एक कप गाय के गरम दूध में 1 चम्मच पिसी हल्दी तथा थोड़ी-सी चीनी मिलाकर पी जायें, सर्दी-जुकाम में लाभ मिलता है। 

★ बेसन में बने गर्म पदार्थ खाकर पानी कुछ देर बाद पीने से जुकाम ठीक हो जाता है। 

★ आँवला, चिरायता, सौंठ, अडूसे की जड़ तथा कटेरी की जड़, सभी को 5-5 ग्राम की मात्रा में लेकर काढ़ा बनाकर पीने से सर्दी-जुकाम ठीक हो जाते हैं ।

★ तुलसी के 5 पत्र, 5 काली मिर्च और 2 ग्राम गुड़ को पीसकर गरम करके दूध के साथ रोगी को पिलाने से सर्दी-जुकाम ठीक हो जाते हैं ।

★ 10 नग मुनक्के को 1⁄2 कप पानी में उबाल लें, मुनक्के खा जायें और उसका पानी पी लें। जुकाम ठीक हो जायेगा।

★ नाक से बाहर और नथुनों के भीतर थोड़ी-थोड़ी देर बाद सरसों का तेल लगायें । जुकाम का पानी बाहर आकर राहत मिलेगी।

★ हींग को पानी में घोलकर विक्स की तरह बार-बार सूँघने से जुकाम में आराम मिलता है।

★ नीबू के छिलकों को पीसकर चटनी बना लें। उसमें थोड़ा-सा सेंधा नमक मिलाकर सेवन करने से जुकाम दूर हो जाता है।

★ मूली के बीजों का चूर्ण 11⁄2 चम्मच और शहद 1 चम्मच को मिलाकर चाटने से सर्दी-जुकाम तुरन्त मिट जाता है।

★ तुलसी के पत्तों को मसलकर सूँघने से जुकाम मिटता है।

★ अकरकरा के आधा ग्राम चूर्ण को पान के पत्ते में रखकर चूसने से जुकाम मिट जाता है। 

गाय के दूध से बना हुआ दही 100 ग्राम, पुराना गुड़ 15 ग्राम, काली मिर्च चूर्ण 1 चम्मच, तीनों को मिलाकर सूर्योदय से पूर्व 5-7 दिन तक खिलाने से पुराने से  पुराना जुखाम भी दूर हो जाता है। यह चमत्कारी प्रयोग है। अनुभूत नुस्खा है।  

★ हल्दी 50 ग्राम, आक के ताजा पत्ते 100 ग्राम, दोनों को बारीक घोट-पीसकर के समान गोलियाँ बना लें। 1-1 गोली दिन में 2 बार गुनगुने पानी से लें। जुकाम, नाक बहना, सिर दर्द और हल्का बुखार हमेशा के लिए चला जायेगा।

★ 1 ग्राम लौंग को पानी के साथ सिल पर पीसकर सिर में व तालु पर लगाने से स जुकाम दूर होते हैं।

★ 250 ग्राम दूध के साथ 4 छुआरे औटाकर पीने से जुकाम मिट जाता है। 

★ सिरस की छाल को कपड़छान चूर्ण बनाकर नाक में सूँघने से छींकें आकर जुबा दूर हो जाता है एवं आधाशीशी का दर्द भी ठीक हो जाता है।

★ 6 ग्राम हल्दी तथा 6 ग्राम गुड़ की गोली बनाकर रात को बिना पानी ही खिला दें। में हल्का बुखार, अंगों का टूटना, जुकाम सर्दी ठीक हो जाती है। अनुभूत नुस्खा!



पीनस (दुष्ट प्रतिश्याय) रोग | Sinusitis का घरेलु इलाज

Sinusitis का घरेलु इलाज



इस रोग में नाक के भीतर की झिल्ली में सूजन एवं घाव बन जाते हैं। 

★ एरण्ड की जड़, तगर, जीवन्ती, दालचीनी, बायविडंग, रास्ना, सौंठ, मुल 

★ वंशलोचन और छोटी इलायची को समान भाग लेकर पाउडर बना लें। 250 चूर्ण को गाय या बकरी के दूध में भिगोकर पीस लें, उसके बाद 200 ग्राम तिल का तेल लेकर दोनों को आँच पर पका लें। पानी को पूरा जला दें। तेल को छान बोतलों में भर दें। इसकी 3-3 बूँद दोनों नथुनों में डालने से समस्त नासा रोगों नाश होता है। तेल प्रातः काल ही डालें।

हरड़, बहेड़ा, आँवलासौंठ, पीपल, पिपरामूल, कुटज, गूलर, अर्जुन की छाला समभाग चूर्ण बनाकर समान भाग में गुड़ मिला लें। चने के आकार की गोलियाँ बना 3-3 गोली प्रतिदिन सेवन करने से सायनुसाइटिस (पीनस) रोग ठीक हो जाता है। 

हल्दी भाग, आम के ताजा पत्ते 8 भाग लेकर दोनों को बारीक पीसकर आँक के बराबर गोली बना लें। सूखने पर गोली छोटी हो जायेगी। 1-1 गोली प्रातः सायं गुनगुने पानी के साथ सेवन करने से पीनस रोग मिट जाता है। 

★ 50 ग्राम सुहागा को तवे पर फुलाकर पाउडर कर लें। प्रात:काल बासी मुँह 1⁄2 चमच्च शहद के साथ चाटने से पीनस रोग सदा के लिए चला जाता है। अनुभूत नुस्खा है।



नाक रोग में क्या खायें / क्या नहीं खायें 

★ गरम पदार्थ, गरम मसाले, चाट पकौड़े, चाय, कहवा, शराब या अन्य मादक पदार्थ न खाने चाहिए। 

★ शरीर की सहनशीलता के आधार पर ज्यादा ठण्ड करने वाली चीजों, कोल्ड ड्रिंक्स, AC, बारिश से बचाव करें। 

★ जहाँ तक हो सके, सम स्वभाव या तासीर के फल तथा सुपाच्य सब्जियां खाना हितकारी हैं। 

★ प्रदूषण और धुआँयुक्त वातावरण से बचाव करें। 

★ जलनेति करें।


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